कम्प्यूटर की परिभाषा
कम्प्यूटर शब्द की उत्पति लैटिन भाषा के शब्द Compute से हुई है, इसका अर्थ है, गणना करना अथवा गिनती करना । अतः तार्किक दृष्टिकोण से किसी भी गणन युक्ति (Calculating Device) को कम्प्यूटर कहा जा सकता है। एक विद्वान ने COMPUTER को निम्नानुसार परिभाषिरा किया है- C- Calculate o-Operale m-Memorize p-Print U- Update T- Tabulate E- Edit R- Responsc हम कह सकते हैं कि कम्प्यूटर एक ऐसी इलैक्ट्रॉनिक युक्ति है, जो किसी भी प्रकार के सभी आंकड़ों को व्यवस्थित व नियन्त्रित तो करता ही है, साथ ही सूक्ष्म समय में पूर्ण शुद्धता के साथ गणना भी कर सकता है।




 
                                                                      कम्यूटर के गुण
कम्यूटर अपने उत्कृष्ट एवं अनमोल गुणों के कारण आज हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रवेश करता जा रहा है। इसके मुख्य गुण निग्नानुसार हैं






                                                                            गति
कम्प्यूटर द्वारा अत्यन्त सूक्ष्म समय में तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती हैं। कम्प्यूटर द्वारा किये जा सकने वाले समस्त कार्य गणनाओं पर ही आधारित होते हैं। सामान्य कम्प्यूटर माइक्रो सेकेण्ड अर्थात् 10 8 रोकेण्ड में गणनाएं करते हैं जबकि आधुनिक कम्प्यूटर नैनो सेकेण्ड (1019 सेकेण्ड) से पीको सेकेण्ड (10 12 सेकेण्ड) तक में कार्य करते हैं। 


                                                                      संग्रहण क्षमता
जितनी तीव्र गति से कम्प्यूटर में डाटा प्रोसेसिंग होती है, उसे उतनी ही तीच गति से आकड़े (Data) उपलब्ध भी कराने होते हैं। यदि कम्प्यूटर आंकड़े होने की प्रतीक्षा करता रहेगा तो, समय व्यर्थ ही नष्ट होता रहेगा। अतः कम्प्यूटर में प्रोसेसिंग हेतु आंकड़े तीन गति से उपलब्ध कराने हेतु दो प्रकार के संग्रहण माध्यमों में संग्रहीत किये जाते हैं-आन्तरिक रांग्रहण माध्यम अर्थात् प्राथमिक स्मृति तथा बाह्य संग्रहण माध्यम अर्थात् द्वितीयक स्मृति । प्राथमिक स्मृति डाटा की प्रोसेसिंग के दौरान कम्प्यूटर के प्रोसेसर द्वारा उपयोग में लायी जाती है और द्वितीयक स्मृति में आंकड़े एवं आंकड़ों को विश्लेषित करने हेतु आवश्यक निर्देश देने के प्रोग्राम का संग्रहण होता है। संग्रहण क्षमता की न्यूनतम इकाई बाइट है। एक किलो बाइट का तात्पर्य 1024 बाइट्स रो है, अर्थात् 1 किलो बाइट्स में 1024 Characters को संग्रहीत किया जा सकता है। जता कम्प्यूटर द्वारा उपलब्ध कराया गया परिणाम यदि गलत है तो इसमें कम्प्यूटर की गलती न होकर उसको प्रोसेसिंग हेतु दिए गए निर्देशों में गलती होगी अथवा कम्प्यूटर को दी गयी विद्युत ऊर्जा स्थिर नहीं है।







                                                                       सार्वभौमिकता
कम्यूटर का प्रयोग दिनों-दिन लगभग प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है। किसी भी जटिल कार्य को निश्चित क्रम में समायोजित करके कम्प्यूटर द्वारा कराया जा सकता है। गुख्य रूप से कम्प्यूटर निम्नलिखित चार कार्य करता है इनपुट उपकरणों द्वारा आंकड़े प्राप्त करना। 10 आंकड़ों का अतिरिक्त स्थानान्तरण। आंकड़ों के आधार पर प्राप्त निर्देशानुसार अंकगणितीय गणनाएं। आंकड़ों का विश्लेषण। विश्लेषण के पश्चात् प्राप्त परिणामों का आउटपुट उपकरणों पर प्रेषण ।





                                                                         स्वचालन
कम्प्यूटर अपना समस्त कार्य स्वचालित रूप से करता है। एक बार आंकड़े कम्प्यूटर में प्रविष्ट करने के पश्चात् उन्हे प्रोग्राम के निश्चित क्रम में दिए गए निर्देश के अनुरूप भिन्न-भिन्न कार्यों हेतु भिन्न-भिन्न रूप से विश्लेषित कर शुद्ध परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। 



                                                                         संक्षमता
कम्प्यूटर, एक इलैक्ट्रॉनिक युक्ति होने के कारण अधिक कार्यभार होने पर भी थकावट का कोई नामो-निशान परिलक्षित नहीं होता। किसी यांत्रिक मशीन अथवा मानव से भी अधिक कार्य कराया जाए तो एक समय पश्चात् उसमें थकावट के लक्षण परिलक्षित होने लगते हैं